उत्तराखंड के श्रीनगर में कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी पर 165 से अधिक दम्पतियों ने संतान प्राप्ति की कामना
बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का भी हुआ उदघाटन
उत्तराखंड के श्रीनगर में कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी पर 165 से अधिक दम्पतियों ने संतान प्राप्ति की कामना को लेकर खड़ दीया अनुष्ठान में हिस्सा लिया। देश के कई राज्यों से खड़ दीया अनुष्ठान में पहुंची दम्पतियों ने पूरी रात हाथ मे जलता दीपक लेकर भगवान कमलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना की। मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने पहला दीपक प्रज्ज्वलित कर विधिवत इस अनुष्ठान का शुभारंभ किया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी। देर शाम तक मंदिर में दर्शनों के लिए लंबी कतारें लग गयी थी।
कमलेश्वर भगवान के महात्म्य की कहानी पुराणों में वर्णित है। देव असुर संग्राम के समय भगवान विष्णु जी ने असुरों के नाश हेतु अपने आराध्य देव महादेव की स्तुति की तथा कमलेश्वर महादेव में सहस्त्र कमल चढ़ाये और सुदर्शन चक्र की प्राप्ति की। यहां पर एक निसंतान दंपति भी हाथ में खड़ा दीपक लेकर पूरी रात कमलेश्वर महादेव की पूजा कर रहे थे। जिसके बाद निसंतान दंपति को भगवान शिव ने माता पार्वती के आग्रह पर संतान प्राप्ति का वरदान दिया था। तभी से इस मंदिर में खड़ा दिया अनुष्ठान की परंपरा चली आ रही है।
भगवान राम ने त्रेता युग में इसी मंदिर में भगवान शंकर की सहस्त्र कमलों से पूजा की और भगवान शंकर को प्रसन्न किया। द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने भी जामवंती के कहने पर यह व्रत किया था।
बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का भी हुआ उदघाटन
श्रीनगर में प्रसिद्ध बैकुंठ चतुर्दशी मेला एवं विकास प्रदर्शनी का भी शानिवार को विधिवत शुभारंभ हुआ। सात दिवसीय इस मेले का उदघाटन वर्चुअल रूप से प्रदेश के राज्यपाल ले.ज. (सेनि) गुरमीत सिंह ने किया। कहा भक्ति और ज्ञान के माध्यम से ही हम अपने जीवन को आदर्श बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर श्री की धरती है, यहां आकर उन्हें अलग ही आत्मिक अनुभूति होती है। उन्होंने सिलक्यारा में सुरंग के अंदर फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए भगवान कमलेश्वर महादेव से प्रार्थना भी की। इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कमलेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की व कमलेश्वर महादेव मंदिर में कमल पुष्प भी अर्पित किए।